Google search engine
Homeराज्य समाचारउत्तराखंडबीते 1 वर्ष में प्रदेश में लगभग 6500 से अधिक जल स्रोतों...

बीते 1 वर्ष में प्रदेश में लगभग 6500 से अधिक जल स्रोतों के संरक्षण एवं उपचार का किया गया कार्य- सीएम धामी

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले लोगों को सीएम धामी ने किया सम्मानित

सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार- 2025 से (सरकारी श्रेणी) में नगर निगम रुद्रपुर को किया गया सम्मानित

सीएम धामी ने किया आवाह्न जन्मदिन , विवाह की वर्षगांठ और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर पौधारोपण अवश्य करें

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल करते हुए, नदियों एवं परंपरागत जल स्रोतों के संरक्षण के लिए ‘स्प्रिंग एवं रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी’ सारा का किया गया है गठन

देहरादून । आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में पर्यावरण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ करें कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया ।

इस अवसर पर सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार 2025 ( सरकारी श्रेणी) में नगर निगम रुद्रपुर को सम्मानित किया गया। नगर निगम रुद्रपुर से उपनगर आयुक्त शिप्रा जोशी ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।

वहीं सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार 2025 (गैर सरकारी श्रेणी) में विजय जलधारी एवं प्रताप सिंह पोखरियाल को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जागरूकता पोस्टर का विमोचन एवं इको टूरिज्म कॉरपोरेशन द्वारा तैयार किए गए पोर्टल का भी सीएम धामी ने लोकार्पण किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड की शपथ दिलाई एवं स्कूली बच्चों को कपड़े के बैग प्रदान किये।

मुख्यमंत्री ने वन विभाग को इस वर्ष प्रदेश के प्रत्येक वन डिविजन में कम से कम 1000 फलदार पौधे लगाए जाने के निर्देश दिए, जिससे जंगली जीव जंतुओं के लिए पर्याप्त आहार मिल सके। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों और यात्रियों से आग्रह किया कि जीव जंतुओं को ऐसी वस्तुएं न खिलाए जो उनकी सेहत के लिए हानिकारक हो।

साथ ही सीएम धामी ने लोगों से आवाह्न किया कि जन्मदिन , विवाह के वर्षगांठ और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर अवश्य पौधा रोपण करें। ऐसे प्रयासों के संकल्प से ही हम पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे पाएंगे। मुख्यमंत्री ने सभी को विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता से परिपूर्ण राज्य है। घने जंगल, पवित्र नदियां, हिमालय ग्लेशियर, हमारे राज्य की भौगोलिक पहचान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से भारत अक्षय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में विश्व स्तर पर आगे बढ़ रहा है। सोलर मिशन , इलेक्ट्रिक मोबिलिटी , ग्रीन हाइड्रोजन मिशन , स्वच्छ भारत मिशन , नमामि गंगे अभियान और प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान जैसी योजनाएं पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोक पर्व हरेला को प्रकृति संरक्षण के महापर्व के रूप में वृहद स्तर पर मानती है। प्रदेश के नौले, धारे एवं वर्षा आधारित नदियां जैसे परंपरागत जल स्रोतो के संरक्षण के लिए ‘स्प्रिंग एवं रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी’ सारा का गठन किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते 1 वर्ष में प्रदेश में लगभग 6500 से अधिक जल स्रोतों के संरक्षण एवं उपचार का कार्य सफलतापूर्वक किया गया है। लगभग 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल का संचयन भी किया गया है। चार धाम यात्रा सहित विभिन्न धार्मिक पर्यटन और अन्य अवसरो पर प्रदेश में आने वाले वाहनों में कूड़ेदान रखना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश में आयोजित राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित किया गया था। इस आयोजन से सभी मेडल और पुरस्कार ई-वेस्ट सामग्री से बनाए गए , खेल किट भी रीसाइकिल्ड सामग्री से तैयार किए गयी थी।

इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव आनंद वर्धन, प्रमुख वन संरक्षक डॉक्टर धनंजय मोहन , शासक पुलिस और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

STAY CONNECTED

123FansLike
234FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest News