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भगवान शिव-पार्वती का विवाह स्थल त्रियुगीनारायण बनेगा वैदिक पर्यटन विलेज: सतपाल महाराज

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने शीतकालीन चारधाम यात्रा की तैयारी शुरू करने के दिए निर्देश

देहरादून। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा और शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए आज प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गढ़ी कैंट स्थित पर्यटन निदेशालय में विभागीय समीक्षा बैठक की, इस अवसर पर पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि भगवान शिव-पार्वती के विवाह स्थल त्रियुगीनारायण बनेगा वैदिक पर्यटन विलेज, केदारखंड मंदिर माला मिशन का मास्टर प्लान बनेगा, युवाओं को कैंपेनिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी।

देहरादून, 21 जुलाई: प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि भगवान शिव-पार्वती के विवाह स्थल त्रियुगीनारायण को वैदिक पर्यटन विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे आध्यात्मिक पर्यटन को नया आयाम मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों और ट्रैकिंग रूट्स पर स्थानीय युवाओं के ग्रुप तैयार कर उन्हें कैंपेनिंग और गाइडिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी।

सोमवार को गढ़ी कैंट स्थित पर्यटन निदेशालय में विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान श्री महाराज ने पर्यटन विकास से जुड़े कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केदारखंड मंदिर माला मिशन का मास्टर प्लान भी तैयार किया जाए, ताकि केदारखंड क्षेत्र के धार्मिक महत्व को वैश्विक पहचान दिलाई जा सके।

कांवड़ यात्रा में हुड़दंग करने वालों पर की जाए सख्त कार्रवाई

पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कांवड़ यात्रा में हुड़दंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं नंदा राजजात यात्रा में कुरुड़ गांव को शामिल करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्गों पर शौचालयों की खस्ताहाल व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने उन्हें आधुनिक और स्वच्छ बनाने को कहा।

शीतकालीन चारधाम यात्रा का व्यापक स्तर पर कराया जाए प्रचार-प्रसार

श्री महाराज ने कहा कि शीतकालीन चारधाम यात्रा की तैयारियां अभी से शुरू की जाएं और इसका प्रचार-प्रसार व्यापक स्तर पर कराया जाए। साथ ही विभागीय पर्यटक आवास गृहों की मरम्मत कराई जाए। चारधाम यात्रा को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने की कार्रवाई जल्द पूरी की जाए। उन्होंने कहा कि कुमाऊं मंडल के पर्यटक आवास गृहों में ई-वाहनों के लिए फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएं और प्रदेश में अवैध रूप से संचालित होटलों और रिसॉर्ट्स के पंजीकरण हेतु विशेष अभियान चलाया जाए।

मंदिरों में तेजी से काम के लिए 48 हजार लाख से अधिक की योजनाएं स्वीकृत

पत्रकारों से बातचीत में पर्यटन मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 48,676.05 लाख रुपये की योजनाएं पर्यटन विभाग को स्वीकृत हुई हैं। महासू देवता हनोल में 2,246.76 लाख रुपये से वीआईपी लाउंज, धर्मशाला, यज्ञशाला सहित अन्य निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत पहले चरण में 16 मंदिरों के लिए 125.25 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 51.14 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। 6 मंदिरों में कार्य प्रारंभ हो चुका है।

श्री महाराज ने बताया कि कैंची धाम परिसर विकास योजना के तहत 40.81 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर कार्य तेजी से चल रहा है। केंद्र सरकार की चैलेंज बेस्ड डेस्टिनेशन डेवलपमेंट योजना में 17.59 करोड़ की स्वीकृति मिली है। नैनीताल-मुक्तेश्वर यात्रा मार्ग हेतु 400 करोड़ की केंद्रीय सहायता के लिए अनुशंसा हो चुकी है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि “वेड इन उत्तराखंड-2025” प्रोजेक्ट के तहत डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। थानों, टिहरी, त्रियुगीनारायण, ऋषिकेश जैसे स्थलों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रचार योजनाएं बनाई जा रही हैं।

इस अवसर पर समीक्षा बैठक में सचिव पर्यटन धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर सचिव डॉ. पूजा गर्ब्याल, जीएमवीएन के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा, बी.एल. राणा, जगत सिंह चौहान, पूनम चांद, योगेंद्र कुमार गंगवार, सुरेंद्र सिंह सामंत, अमित लोहनी, विजय सिंह राणा, सीमा नौटियाल और उत्कर्ष चौहान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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