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Wednesday, July 30, 2025
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सीएम ने की घोषणा: टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में उत्तराखंड केअग्निवीरों की होगी सीधी तैनाती

कार्बेट टाइगर रिजर्व में स्थापित होंगे टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स: 80 से अधिक युवाओं की होगी भर्ती


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतरराष्ट्रीय टाइगर दिवस के अवसर पर घोषणा की है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में स्थापित की जा रही टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में उत्तराखंड के अग्निवीरों को सीधी तैनाती दी जाएगी। टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में 80 से अधिक युवाओं की भर्ती होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फोर्स की स्थापना से वृहद बाघ संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी तथा अवैध शिकार पर रोक लगेगी। टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का मुख्य काम बाघों के अवैध शिकार को रोकना होगा , इससे न केवल बाघ संरक्षण के प्रयासों को मजबूती मिलेगी बल्कि अग्निवीर योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षित जवान वन क्षेत्र में गश्त करेंगे, खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे और शिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इससे वन्य जीव अपराधों पर नियंत्रण के साथ ही यह फोर्स वन और वन्य जीव से संबंधित अन्य अपराधों जैसे लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और अतिक्रमण पर भी नियंत्रण रखेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाघों के प्राकृतिक आवास का संरक्षण भी महत्वपूर्ण है। यह फोर्स वनों की कटाई और उनके आवास को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को रोकने में मदद करेगी तथा मानव- वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन में भी सहयोगी बनेगी। उन्होंने कहा कि कई बार बाघ आबादी वाले क्षेत्र में आ जाते हैं जिससे मानव- वन्यजीव संघर्ष होता है।

सीएम धामी ने कहा कि यह फोर्स ऐसी स्थिति को संभालने और नियंत्रित करने में प्रशिक्षित होगी, ताकि दोनों पक्षों को नुकसान ना हो। इस फोर्स को आधुनिक निगरानी तकनीकों जैसे ड्रोन, थर्मल इमेजिंग, और जीपीएस ट्रैकिंग से लैस किया जा सकता है, जिससे उनकी दक्षता बढ़ेगी ।

मुख्यमंत्री ने कहा की सेना के जवान रणनीतिक योजना और त्वरित निर्णय लेने में निपुण होते हैं । अग्निवीरों को आधुनिक हथियारों और संचार प्रणालियों के उपयोग का ज्ञान होता है , जो उन्हें वन्य जीव संरक्षण के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा। अग्निवीर राष्ट्र सेवा की भावना से ओतप्रोत होते हैं।

उन्होंने कहा कि वन्य जीव संरक्षण भी एक प्रकार की राष्ट्रीय सेवा है और यह भावना उन्हें अपने कर्तव्य के प्रति अधिक समर्पित बनाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने से उन्हें क्षेत्र के भूगोल, मौसम और स्थानीय चुनौतियों के बेहतर समझ होगी, जिससे उनका काम और प्रभावी होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे अवैध शिकार की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। अग्निवीरों की भर्ती से स्थानीय समुदाय भी संरक्षण प्रयासों में शामिल होगा, जिससे एक सकारात्मक माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि यदि यह मॉडल सफल होता है तो इसे देश के अन्य अभयारण्यों और संरक्षित क्षेत्र में भी दोहराया जा सकता है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर बाघ संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

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