गोपेश्वर, 17 अप्रैल 2025 — वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय परिसर संस्थान, इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गोपेश्वर में 15 अप्रैल से 17 अप्रैल 2025 तक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में नवीनतम रुझनों पर तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस भव्य शैक्षणिक आयोजन का उद्देश्य छात्रों को नवीनतम तकनीकी रुझानों से परिचित कराना एवं उन्हें व्यावसायिक रूप से सशक्त बनाना था।
सेमिनार का आयोजन The Institution of Engineers (India), उत्तराखंड राज्य केंद्र, देहरादून एवं Ensino Research & Development Private Limited के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय कुलपति प्रो. ओंकार सिंह (VMSBUTU) द्वारा वर्चुअली किया गया। संस्थान के निदेशक प्रो. अमित अग्रवाल ने सभी विशेषज्ञों, प्रतिभागियों और अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
सेमिनार के दौरान निम्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान एवं प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए:
– आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) और साइबर सुरक्षा: श्री विनोद कुमार गुप्ता, प्रभारी अधिकारी, NIELIT देहरादून द्वारा।
– Glacial Lakes Outburst Flood (GLOF) अध्ययन: ई. एन. के. यादव, चेयरमैन, IEI UKSC, IIT रुड़की द्वारा।
– कंक्रीट तकनीक व हाईवे निर्माण: डॉ. प्रशांत अग्रवाल, निदेशक, IEI सिविल लैब, देहरादून द्वारा।
– जियो-टेक्नोलॉजी / मिट्टी परीक्षण: प्रो. अमित श्रीवास्तव, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, देहरादून द्वारा।
– रोड/बिल्डिंग/हाईवे परीक्षण (NABL मानकों पर): डॉ. प्रशांत अग्रवाल द्वारा।
– SCADA आधारित इंडस्ट्री 4.0 प्रणाली: श्री अशोक कुमार, संस्थापक निदेशक, Ensino Research द्वारा।
– सॉलिडवर्क्स एवं आर्किटेक्चर डिजाइन: श्री गिरीश कुमार द्वारा।
– MEAN/MERN Stack तकनीक: श्री सवूद अहमद द्वारा।
– तार्किक निर्माण एवं समालोचनात्मक चिंतन: श्री शेषर गुलाटी द्वारा।
सभी सत्रों में छात्रों की सहभागिता उत्साहजनक रही। साथ ही, IEI के चेयरमैन ई. एन. के. यादव एवं निदेशक डॉ. प्रशांत अग्रवाल ने संस्थान के विभिन्न विभागों एवं प्रयोगशालाओं का भ्रमण कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती मोनिका बर्त्वाल, संस्थान निदेशक प्रो. अमित अग्रवाल तथा सभी विभागों के अध्यक्षो की उपस्थिति में किया और संस्थान की अत्याधुनिक अधोसंरचना एवं सुविधाओं की प्रशंसा की।
इस अवसर पर IEI के चेयरमैन श्री ई. एन. के. यादव ने छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें पाठ्यक्रम से परे जाकर सीखने की भावना बनाए रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग की वास्तविक शक्ति निरंतर सीखने, प्रयोग करने और नवाचार में निहित है।
कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु निदेशक प्रो. अमित अग्रवाल, समन्वयक श्रीमती मोनिका बर्त्वाल, विभागाध्यक्षगण एवं आयोजन समिति की पूरी टीम को बधाई दी गई।