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राजभवन में आयोजित बसंतोत्सव 2025 के दूसरे दिन राज्यपाल ने आर्ट गैलरी और स्टॉल्स का भ्रमण कर कलाकारों का उत्साह वर्धन किया

राजभवन में आयोजित वसंतोत्सव 2025 के अवसर पर आज दूसरे दिन राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने वसंतोत्सव के दौरान लगी आर्ट गैलरी और स्टॉल्स का भ्रमण किया। वसंतोत्सव के अवसर पर आर्ट गैलरी और फोटो प्रदर्शनी में चित्रकारों ने अपनी पेंटिंग, आर्ट और क्राफ्ट का प्रदर्शन किया है । महोत्सव के दौरान लगी आर्ट गैलरी और फोटो प्रदर्शनी ने उत्तराखंड के ग्रामीण और शहरी जीवन लोक परंपराओं , आध्यात्मिकता और प्रकृति की सुंदरता को अनुठे तरीके से प्रदर्शित किया है। प्रदेश के प्रतिभाशाली चित्रकारों ने अपनी कला से पहाड़ी जीवन, नदियों, जंगलों, धार्मिक स्थलों और स्थानीय परंपराओं को जीवंत रूप दिया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ही हम उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को सशक्त कर सकते हैं।

वसंतोत्सव के दूसरे दिन लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। पुष्प प्रदर्शनी, लोक कला, स्थानीय उत्पादों , पारंपरिक वेशभूषा और हस्तशिल्प के स्टालों ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को आकर्षित किया। बड़ी संख्या में आए लोगों ने विभिन्न स्थलों में से स्थानीय उत्पादों की खरीदारी की और उत्तराखंड की संस्कृति और स्थानीय उत्पादों का आनंद लिया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कलाकारों से संवाद किया, उनकी कला की सराहना की और उनकी कुछ उत्कृष्ट प्रिंटिंग खरीद कर उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की कला और संस्कृति हमारी पहचान है, जिसे संरक्षित और प्रोत्साहित करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं और महिलाओं के में असाधारण कौशल , टैलेंट और पैशन है। यह महोत्सव उनकी प्रतिभा को एक मंच देने का प्रयास है। हमें अपने संस्कृति ,लोक कला और स्थानीय उत्पादों को इस तरह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में मिलकर कार्य करना होगा। राजभवन में आयोजित वसंतोत्सव में न केवल कला, स्थानीय उत्पादों, संस्कृति और परंपराओं का उत्सव है , बल्कि यह स्थानीय कलाकारों, उद्योग, महिला समूह और कुटीर उद्योगों के लिए एक प्रेरणादायक मच साबित हो रहा है। लोगों की सहभागिता और प्रोत्साहन से यह आयोजन और भी विशेष बन गया है। जिससे उत्तराखंड की लोक कला, परंपरागत व्यंजन और स्थानीय उत्पादों को नहीं पहचान मिल रही है।

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