मुनि की रेती ऋषिकेश में 1 मार्च से 7 मार्च तक आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ शनिवार को हो गया है। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल मौजूद रहे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि योग महोत्सव योग साधकों को एक मंच देने का काम करता है ।योग हमारे राष्ट्रवाद व आत्मा के विश्वास का प्रतीक है। संयुक्त राष्ट्र ने भी योग के महत्व को स्वीकार किया है । आज पूरे देश व दुनिया के लोग शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग की और आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश ऋषि, मुनियों की तपस्थली है। यह भूमि योग की जननी है और साहसिक व धार्मिक पर्यटन के अनेक संभावनाएं समेटे हुए हैं। इसी भूमि से महर्षि महेश योगी व स्वामी राम ने योग को विज्ञान से जोड़ा था। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए ग्लोबल वार्मिंग सबसे बड़ी चुनौती है, यदि गंगा सूख गई तो समझो भारत की आत्मा ही सूख जाएगी। उन्होंने इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिंदानंद मुनि ने कहा कि कोविड के दौरान लोग योग के महत्व को समझ गए थे । जो काम दवा नहीं कर पाई वह योग और प्राणायाम ने कर दिखाया। हम योग योगिक लाइफ से स्वयं को बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वर्ग आश्रम, तपोवन व मुनि की रेती तीन जनपदों की त्रिवेणी है।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉक्टर चिन्मय पाणडया ने कहा कि योग भारतीय ज्ञान विज्ञान का सर्वोच्च शिखर है, जिसको छूने से हम अपनी संभावनाओं के द्वार खोलते हैं। एम्स ऋषिकेश के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर भानु दुग्गल ने कहा कि योग पूरी तरह से एक जीवन पद्धति का नाम है भारत में जंक फूड के कारण हृदय रोग व किडनी के रोग तेजी से फैल रहे हैं। इस अवसर पर ग्रैंड मास्टर अक्षय ने कहा कि योग्य व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से बदलने की सार्थक रखता है । योगी के शरीर मन महात्मा में विशेष ऊर्जा होती है उसकी सुगंध भी पुष्पों की तरह ही महकती है।
इस अवसर पर देश-विदेश से आए सुविख्यात योगाचार्य द्वारा योग प्रतिभागियो , योग साधकों को योग का प्रशिक्षण दिया जाएगा । समारोह के समाप्ति जीएमवीएन के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करके की। इस अवसर पर कई योग प्रेमी एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।