उत्तराखंड में धामी सरकार के वित्तीय मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लगभग 100 करोड़ से अधिक का बजट पेश किया है, जिसको धामी सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं और संकल्पों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने औपचारिक वार्ता करते हुए उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में पेश इस बजट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास के मूल मंत्र के अनुरूप संकल्प की प्राप्ति के सम्मिलित प्रयास के लिए वित्त मंत्री उनकी टीम को बधाई ।
बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा उत्तराखंड के आर्थिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक एवं प्रवक्ता फैम के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं कोषाध्यक्ष चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश्वर प्रसाद पैनन्यूली ने इसे सरकार का एक अच्छा प्रयास माना है। जिससे उत्तराखंड में नवाचार से आत्मनिर्भरता, परंपरागत महान विरासत वह ओजस्वी गरिमा को संरक्षण को निश्चित ही बढ़ावा मिलेगा।
निश्चित ही यह बजट समान नागरिक संहिता सहित कृषि, उद्योग, उर्जा, अवसंरचना, पर्यटन को सम्मिलित करेगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को सहायता हेतु 50 करोड़ के प्रावधान से स्थानीय औद्योगिक परिवेश में समृद्धि होगी। नवाचार से तकनीकी में आत्मनिर्भरता व स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप योजना के मद में रखे गए लगभग 30 करोड़ की राशि के प्रावधान से एक अच्छी शुरुआत हो सकती है। मजबूत अधिसंरचनाओं, बांधों और पीने के पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए प्राप्त धनराशि के प्रावधानों जैसे कि जमरानी बांध, सौग परियोजना हेतु, लकवाड परियोजना हेतु लगभग 985 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के साथ पानी से जुड़े जल जीवन मिशन व नगरीय पेयजल योजना हेतु सम्मिलित रूप से लगभग 1943.44 करोड़ का सराहनीय प्रावधान राज्य के वर्तमान वार्षिक बजट में किया गया है।
साथ ही पिछले अनुसूचित जाति व अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में मजबूत अधिसंरचनाओं, अवस्थनाओं के सुविधाओं हेतु लगभग 68 करोड़ का प्रावधान उत्तराखंड के सामाजिक विकास को मजबूती दे सकता है।
लोनिवि हेतु 1268.70 करोड़ व पीएमजीएसवाई हेतु 1065 करोड़ का प्रावधान नवनिर्माण व देखभाल के साथ ही स्थानीय आर्थिकी के लिए भी मददगार साबित हो सकता है।
नागरिक उड्डयन सुविधाओं हेतु 36.88 करोड़, बस अड्डा के निर्माण हेतु 15 करोड़, राजस्व मद से सड़क अनुरक्षण हेतु 900 करोड़ का प्रावधान से सुदृढ़ कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलने व राज्य में आवागमन की सुविधा से रिवर्स पलायन के प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी। चार धाम मार्ग पर आधारभूत सुविधाओं के विकास हेतु 10 करोड़ व नवीन पर्यटन स्थलों के विकास हेतु 10 करोड़ के साथ ही स्थाई पर्यटन विकास सुनिश्चित करने के लिए टिहरी झील के विकास हेतु 100 करोड़ के प्रावधानों से निश्चित ही वर्तमान राज्य बजट का दूरगामी असर होगा।