DIO NIC रंजीत चौहान ने सुरक्षित डिजिटल व्यवहार पर दिया जोर
देहरादून, 11 फरवरी 2025 — आज देहरादून में सुरक्षित इंटरनेट डे के अवसर पर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र सभागार में एक विशेष जागरूकता बैठक आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का नेतृत्व राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के जिला सूचना अधिकारी (DIO) रंजीत चौहान ने किया। बैठक में स्कूल के बच्चों, शिक्षकों और समाज के विभिन्न हितधारकों ने सक्रिय भाग लिया।
इस बैठक का उद्देश्य इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देना और नागरिकों को साइबर खतरों के प्रति जागरूक करना था। उपस्थित लोगों को फिशिंग, स्मिशिंग, पहचान चोरी, फर्जी ऐप्स और वित्तीय धोखाधड़ी जैसे सामान्य साइबर खतरों से बचने के उपाय सिखाए गए।
साइबर सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण सुझाव:
मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें।
मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अपनाएं।
सार्वजनिक वाईफाई पर वित्तीय लेनदेन से बचें।
किसी भी संदिग्ध लिंक या अज्ञात ईमेल पर क्लिक करने से पहले सतर्क रहें।
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि साइबर अपराध की रिपोर्टिंग के लिए 1930 हेल्पलाइन नंबर और www.staysafeonline.in जैसे उपयोगी संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है।
फिशिंग और पहचान चोरी से बचाव पर चर्चा:
फिशिंग और स्मिशिंग जैसे साइबर अपराधों के उदाहरणों को साझा करते हुए बताया गया कि कैसे धोखेबाज नकली वेबसाइट या संदेशों के जरिए संवेदनशील जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं।
साइबर स्वच्छता (Cyber Hygiene) के फायदे:
DIO NIC ने साइबर स्वच्छता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “साइबर स्वच्छता न केवल व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करती है बल्कि वित्तीय नुकसान और संगठन की प्रतिष्ठा को भी बचाती है।”
बैठक के दौरान उपस्थित प्रतिभागियों को UPI लेनदेन के सुरक्षित तरीकों से भी अवगत कराया गया। QR कोड और फर्जी ऐप्स से जुड़ी संभावित धोखाधड़ी के खिलाफ सावधान रहने की सलाह दी गई।
इस आयोजन का समापन सभी प्रतिभागियों से यह अपील करते हुए किया गया कि वे अपने समुदायों में सुरक्षित इंटरनेट व्यवहार के प्रति जागरूकता फैलाने में योगदान दें। इस दौरान NIC के सहायक जिला सूचना अधिकारी (ADIO) भी उपस्थित रहे।