सीएम धामी ने कड़ी कार्रवाई के दिए थे निर्देश: परीक्षा में अनियमितता पर सख्त एक्शन
उत्तराखंड में इन दिनों सुर्खियों में आया UKSSSC पेपर लीक मामले में युवाओं के धरना प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े रुक के बाद जबरदस्त एक्शन लिया गया है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के मामले मुख्य्मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
सीएम धामी के निर्देशन में लापरवाही के लिए जिम्मेदार और इस प्रकरण में संलिप्त कार्मिकों पर गाज गिरने लगी है। पेपर के सवाल हल कर उसे मुख्य आरोपी खालिद मलिक को की बहन साबिया को भेजने के मामले में आरोपी इतिहास विषय की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन (अगरोड़ा महाविद्यालय टिहरी) को शासन ने निलंबित कर दिया है। वहीं, हरिद्वार के जिस परीक्षा केंद्र से पेपर बाहर आया, वहां सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) के परियोजना निदेशक के एन तिवारी को भी निलंबित कर दिया गया। साथ ही एसएसपी हरिद्वार ने परीक्षा केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभालने वाले एक दरोगा और दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया।
UKSSSC द्वारा 21 सितंबर को स्नातक स्तरीय परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा शुरू होने के महज आधे घंटे के भीतर ही प्रश्नपत्र के तीन पन्ने परीक्षा केंद्र से बाहर आ गए थे। आयोग ने इस संबंध में सरकार से शिकायत की थी और जिम्मेदार अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।
शासन ने किया निलंबन का आदेश जारी
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने निलंबन आदेश जारी करते हुए कहा कि परियोजना निदेशक के.एन. तिवारी को परीक्षा में सुचिता बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन उनकी लापरवाही के कारण पेपर केंद्र से बाहर पहुंचा। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह मामला प्रथम दृष्टया गंभीर अनियमितता और जिम्मेदारी निभाने में विफलता का है।
SIT की जांच जारी, एक आरोपी गिरफ्तार
पेपर लीक मामले की जांच के लिए सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। अब तक की कार्रवाई में परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र बाहर भेजने वाले आरोपी खालिद को गिरफ्तार किया जा चुका है। SIT इस पूरे नेटवर्क और इसमें शामिल अन्य लोगों की भी जांच कर रही है।
इस पूरे मामले को लेकर एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोबाल ने पूरे प्रकरण की जांच सीओ रुड़की नरेंद्र पंत को सौंपी है। माना जा रहा है कि जिन लापरवाही के कारण भर्ती परीक्षा का पेपर बाहर आया, उसके चलते अभी कई अन्यकार्मिक कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। मौजूदा समय में भले ही असिस्टेंट प्रोफेसर सरकारी गवाह के रूप में प्रकरण की पूरी जानकारी देंगी, लेकिन जिस तरह उन्होंने महज 10 मिनट के भीतर परीक्षा केंद्र से आउट हुए पेपर को सॉल्व करके अन्य आरोपियों को दिया, वह संदेह पैदा करता है। ऐसे में उनके बयानों की सत्यता की गहन छानबीन की जाएगी।