
दिनांक 9 सितंबर को देहरादून स्थित आईआरडीटी सभागार में हिमालय दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम में हेस्को के संस्थापक पद्म भूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी ने अपने संबोधन में हिमालय की पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहा कि आज हम सभी को किसी भी प्रकार का भेद मिटा कर एक साथ हिमालय संरक्षण संबंधी कार्यों में जुड़ने की आवश्यकता है । राज्य में आज विभिन्न प्रकार से विभिन्न पद्धतियों को अपनाकर कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज विकास की भी आवश्यकता है और आम जनमानस को कोई कष्ट न हो, प्रकृति को कोई नुकसान ना हो यह भी हमें ध्यान रखना होगा।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने अपने संबोधन में कहा कि आज हिमालय दिवस के अवसर पर हम सभी को अपने परंपरागत ज्ञान विज्ञान के साथ-साथ आधुनिक विज्ञान के साथ समन्वय स्थापित करते हुए पर्यावरण संरक्षण कार्यो को सामाजिक सहभागिता से सुनिश्चित करना होगा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए सभी से हिमालय संरक्षण संबंधी कार्यों में अपना अपना योगदान देते हुए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया । उन्होंने हिमालय क्षेत्र में स्थित जल स्रोतों के संरक्षण, व्यापक वृक्षारोपण, जंगल की आग को रोकने में, प्लास्टिक का प्रयोग रोकने में सभी के सहयोग का आह्वान किया । उन्होंने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के फलस्वरुप हिमालय में विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं समय-समय पर आती हैं । इसलिए हम सभी को वैज्ञानिक पद्धतियों के साथ-साथ परंपरागत पद्धतियों एवं ज्ञान के साथ कार्य करना होगा। श्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड में आई आपदा पर बहुत ही संवेदनशीलता के साथ, गंभीरता के साथ कार्य किया जा रहा है ।
कार्यक्रम में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारत सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल “निशंक” ने अपने संबोधन में कहा कि हमें वनों का संरक्षण करना है और अपने द्वारा लगाए गए पौधों की सुरक्षा इस प्रकार करनी है जैसे हम अपने बच्चों की देखभाल करते हैं। उन्होंने हिमालय क्षेत्र की विभिन्न पर्यावरण संबंधी चुनौतियां पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज हम सभी को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में पधारे जनप्रतिनिधि श्री सूर्यकांत धस्माना ने अपने संबोधन में हिमालय क्षेत्र की विशेष रूप से उत्तराखंड राज्य की पीड़ा को व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि आज हम सभी को एक साथ इन प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए दृढ इच्छा शक्ति के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।
उत्तराखंड सरकार के वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में जंगली जीवों के संरक्षण, जल स्रोतों को बचाने, इको टूरिज्म अपनाने पर बल देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा विशेष प्लांटेशन पॉलिसी को लाया गया है जिससे लगाए गए पौधों का सही से प्रबंधन संरक्षण किया जा सके। उन्होंने सभी को हिमालय प्रतिज्ञा भी कराई।
टिहरी के विधायक श्री किशोर उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि पर्वतीय भूभाग की आवश्यकता के अनुरूप कार्य किया जा रहा है तथा राज्य सरकार द्वारा हर प्रकार से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित कार्य किया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यों में हम सबको अपना अपना दायित्व अवश्य निभाना चाहिए।
कार्यक्रम में बोलते हुए राज्य मंत्री श्रीमती मधु भट्ट ने हिमालय क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यों में महिलाओं के योगदान को महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम में हिमालय में आई हुई आपदा में जान गंवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति हेतु सभी ने 1 मिनट का मौन भी रखा।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. भवतोष शर्मा द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. किरण नेगी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सदस्य, महिलाएं, विद्यार्थी, यूकास्ट एवं हेस्को के वैज्ञानिक, शिक्षकों, सहित 350 से अधिक लोगों द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया।


