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उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष द्वारा अनुसूचित जाति के बच्चों के सर्वागीण विकास हेतु संचालित योजनाओं की की गई समीक्षा

आज दिनांक 07.08.2025 को उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की मा0 अध्यक्ष महोदया डा0 गीता खन्ना द्वारा अनुसूचित जाति आयोग के साथ अनुसूचित जाति के बच्चों एंव सर्वागीण विकास हेतु संचालित योजनाओं की समीक्षा एंव भविष्य की रूपरेखा सम्बन्धी समन्वय बैठक आहूत की गई, जिसमें श्री मुकेश कुमार, अध्यक्ष, श्रीमती कविता टम्टा, सचिव, अनुसूचित जाति आयोग, श्री गोवरधन सिंह, सचिव, पिछड़ा वर्ग आयोग/जिला समाज कल्याण अधिकारी, समाज कल्याण, श्री आकाश दीप, सुपरीटेंडेंट, समाज कल्याण विभाग, श्री मनोज कापड़ी, प्रान्तीय जिला युवा कल्याण अधिकारी, श्री रविन्द्र भण्डारी, जिला क्रीड़ा अधिकारी, श्रीमती तरूणा चमोली, बाल विकास परियोजना अधिकारी, श्री मोहित चैधरी, राज्य परियोजना अधिकारी, महिला एंव बाल विकास विभाग उपस्थित रहे। आयोग की ओर से डा0 शिव कुमार बरनवाल, सचिव व डा0 सतीश कुमार सिंह, अनुसचिव उपस्थित रहे।
जिसमें सर्वप्रथम समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति सम्बन्धित योजनाओं को दोनो आयोगों के समक्ष रखा गया, जिसमें सर्वप्रथम आश्रम पद्धृति विद्यालय के बारे में बताया कि प्रदेश में 06 आश्रम पदृति विद्यालय, जिनमें कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के लगभग 60 छात्र रहते हैं। उसमें एक आश्रम पद्धृति विद्यालय जो मक्खनपुर हरिद्वार में है। वहां कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के बच्चों को भी भर्ती किया जाता है। उन्होनें यह भी अवगत कराया कि आश्रम पद्धृति विद्यालय में जो भोजन की व्यवस्था है, उसमें रू0 150/- प्रति बच्चा के अनुसार भुगतान किया जाता है, जिस पर आयोग द्वारा नियमित रूप से भोजन की गुणवत्ता की जांच, टेण्डर प्रक्रिया में कोताही न बरती जाने तथा बच्चों को पौष्टिक एंव गुणवत्ता वाला भोजन दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया। यह भी अवगत कराया गया कि आश्रम पद्धृति विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस चलाई जा रही है तथा प्रत्येक विद्यालय में दो-दो अध्यापक नियुक्त किये गये है। आयोग द्वारा राज्य के समस्त आश्रम पद्धृति विद्यालयों का विवरण एंव शिक्षकों के मानक, शैक्षिक योग्यता का विवरण एवं प्रचार प्रसार हेतु की जाने वाली कार्यवाही उपलब्ध कराने के निर्देश किये गये।
अनुसूचित जाति के बच्चों हेतु प्रत्येक जनपद मे आश्रम पद्धृति के विद्यालय बनाये जाने हेतु निर्देशित किया गया। बैठक में अवगत कराया गया कि राज्य में कुल 13 बी0आर0 अम्बेडकर छात्रावास संचालित है। आयोग द्वारा बी0आर0 अम्बेडकर छात्रावासों का विवरण उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। एकलव्य छात्रावास एवं डा0 बी0आर0 अम्बेडकर छात्रावास के मानक बराबर होने चाहिए।
भोजन का मेनू संतुलित आहार के अनुसार गुणवत्ता युक्त बनाया जाये। छात्रावासों के भवन यदि खराब स्थिति में हैं तो उनकी मरम्मत का कार्य सम्पन्न किया जाये। बच्चों हेतु सुलभ लाईब्रेरी बनायी जाये। कक्षा 5 के उपरान्त अनुसूचित जाति के बच्चो को राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय या इसी प्रकार से जो और अन्य सरकारी विद्यालय में कोटा निर्धारित किया जाए ताकि आसानी से निकटतम और अच्छे विद्यालय में उनका दाखिला हो सके।

छात्रवृत्ति पाने वाले लाभार्थी बच्चों की संख्या बहुत की कम है क्याकि पोर्टल पर लोग फॉर्म ठीक से नहीं भर पा रहे है, इस हेतु आयोग को अवगत कराया गया कि इसमें यदि शिक्षा विभाग और आईटीडीए, कॉमन सर्विस सेंटर और जिला प्रशासन सक्रिय योगदान प्रदान करे तो छात्रवृत्ति पाने वालों बच्चों की संख्या कई गुना बढ़ सकती है।
कक्षा -1 से कक्षा 8 तक के बच्चों के लिये कोई इनकम सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होती है सिर्फ स्थाई निवास प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।
कक्षा- 9 से कक्षा- 12 के बच्चों के परिवार की सलाना आय ढाई लाख रूपये से कम होनी चाहिये।
मा0 अध्यक्ष महोदया द्वारा विभागों से आपस में समन्वय स्थापित करते हुये बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिये मिलकर प्रयास करने व योजनाओें को धरातल पर उतारने हेतु कहा गया तथा भविष्य में भी इस प्रकार की बैठकों को किये जाने पर जोर दिया, जिससे संचालित योजनाओं का सत प्रतिशत लाभ अनुसूचित जाति के बच्चों को मिल सके।

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