सैन्य परंपरा के साथ अमर शहीदों की शौर्य गाथा से भरा है संस्कृत वाङ्गमय डॉ बिजल्वाण
देहरादून – प्रतिवर्ष की भांति आम जनमानस में अमर शहीदों के बलिदान दिवस के अन्तर्गत देश भर समाचरित कारगिल विजय दिवस कार्यक्रमों की संपूर्ति के अवसर पर देहरादून महानगर में श्री गुरु राम राय लक्ष्मण संस्कृत महाविद्यालय की ओर से महाविद्यालय सभागार में अमर शहीदों को कारगिल विजय दिवस पर याद किया गया एवं शिक्षक तथा छात्रों ने श्रद्धांजलि अर्पित की । जिसमें महाविद्यालय के प्राचार्य डा० राम भूषण बिजल्वाण ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने उद्बोधन में शहीदों को नमन किया तथा गत दिवस उत्तराखंड के क्रांतिकारी श्रीदेव सुमन की जन्म दिवस को याद किया वीर स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे की क्रांति से लेकर आज तक चले आ रहे युद्धों पर भारतीय अमर शहीद सैनिकों का इतिहास स्मरण किया तथा संस्कृत छात्रों को देश प्रेम से जुड़ी तमाम गतिविधियों में हिस्से लेने हेतु प्रेरित किया। साथ ही डॉ राम भूषण बिजल्वाण ने कहा कि हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा के मूल आधार ग्रन्थ संस्कृत वाङ्गमय में वीरता शौर्यता के साथ विश्व शांति के अनेकों उदाहरण हैं वैदिक सूत्रों में भी विश्व वन्धुत्व और राष्ट्र एकता राष्ट्र रक्षा के कई सूत्र मिलते हैं डॉ बिजल्वाण ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय भारतीय ज्ञान परंपरा का है और इसमें मुख्य भूमिका गुरुकुलीय शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं की रहने वाली है इसलिए आप सभी छात्र इस चुनौती को अवसर में बदलें । हिंदी विभाग की अध्यक्षा डॉ. सीमा बिजल्वाण ने गोष्ठी में स्वागत भाषण से शुरुआत करते हुए अपने वक्तव्य रखे जिसमें उन्होंने 1999 की परिस्थितियों को छात्रों को अवगत कराया तथा अमर शहीद मेजर कालिया के विषय में विशेष वक्तव्य रखा। साहित्य विभाग शिक्षक डॉ सतीश नौटियाल ने इस कार्यक्रम का सफल संचालन किया तथा कारगिल विजय दिवस के पीछे चले आ रहे युद्धों से सैन्य की वीरता शौर्यता का इतिहास छात्रों के समक्ष रखा एवं छात्र शिवम सेमवाल ऋषभ एवं शशांक के साथ कई छात्रों ने भी कारगिल विजय दिवस पर अपने विचार रखें । तदुपरांत अंग्रेजी विभाग के शिक्षक डॉ दीपक बहुगुणा ने भी कारगिल दिवस पर शहीदों को याद किया तथा पोखरण परीक्षण और बांग्लादेश विभाजन आदि भारत की उपलब्धियों को छात्रों के सामने प्रस्तुत किया और भारत की विजय प्राप्ति के साथ धन्यवाद ज्ञापन किया। उपस्थित छात्रों शशांक, शिवम् कोठारी, पीयूष भट्ट, विष्णु कगड़ियाल, आशीष पैन्यूली, शुभम सेमवाल, ऋषभ सेमवाल, अमन उप्रेती नें कविता गीत भाषण के माध्यम से शहीदों को नमन किया।
सादर सहित
डॉ राम भूषण बिजल्वाण
प्राचार्य
संस्कृत महाविद्यालय देहरादून
9897923448