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Tuesday, October 14, 2025
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सीएम धामी ने पर्यटन विभाग की “गेम चेंजर” योजनाओं को लेकर की वर्चुअल समीक्षा बैठक: पर्यटन क्षेत्र में हुए एमओयू की ग्राउंडिंग पर विशेष ध्यान देने के दिए निर्देश

सीएम धामी ने “गोलजू कॉरिडोर” मास्टर प्लान के तहत कार्य प्रारंभ करने एवं रुद्रप्रयाग के धार्मिक स्थलों को एकीकृत पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने के दिए निर्देश

सीएम धामी ने पर्यटन नीति- 2023 के अंतर्गत राज्य में हो रहे निजी निवेश, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों और स्वरोजगार से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की की विस्तृत समीक्षा

सीएम धामी ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा होम स्टे से जोड़ने एवं ट्रैकिंग रूट के निकट स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर के दिए निर्देश

सीएम धामी ने होमस्टे योजना के आवेदन प्रक्रिया को अधिक सरल, पारदर्शी और ग्रामीणों के अनुकूल बनाने, राज्य के सभी सरकारी गेस्ट हाउसों मे मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

सीएम धामी ने ट्रैकिंग ट्रैक्शन योजना एवं उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना के व्यापक प्रचार प्रसार और प्रभावी क्रियान्वयन के दिए निर्देश

पर्यटन क्षेत्र में हुए एमओयू की ग्राउंडिंग पर विशेष ध्यान देने और सीमावर्ती क्षेत्रों के पर्यटन विकास हेतु वाइब्रेट विलेज योजना को धरातलीय प्रभावों का अध्ययन कर रणनीति तय करने के दिए निर्देश

उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई ‘गेम चेंजर’ योजनाएं चलाई जा रही है। देवभूमि को पर्यटन प्रदेश के रूप में विकसित करने के लिए सरकार द्वारा पर्यटन नीति- 2023 के तहत कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यटन विभाग की इन्हीं “गेम चेंजर” योजनाओं को लेकर वर्चुअल समीक्षा बैठक की।

इस दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को होमस्टे योजना के आवेदन प्रक्रिया को और अधिक सरल, पारदर्शी और ग्रामीणों के अनुकूल बनाने, राज्य के सभी सरकारी गेस्ट हाउसों को दुरुस्त कर उनमे मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही ट्रैकिंग ट्रैक्शन योजना एवं उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना के व्यापक प्रचार प्रसार और प्रभावी क्रियान्वयन, पर्यटन क्षेत्र में हुए एमओयू की ग्राउंडिंग पर विशेष ध्यान देने और सीमावर्ती क्षेत्रों के पर्यटन विकास हेतु वाइब्रेट विलेज योजना को धरातलीय प्रभावों का अध्ययन कर उसके विस्तार की रणनीति तय करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

सीएम धामी ने बैठक के दौरान एडवेंचर टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के साथ ही पंचायत स्तर पर थीम टूरिज्म विलेज की संभावनाओं पर कार्य करने के लिए अधिकारी को निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पर्यटन विभाग की “गेम चेंजर” योजनाओं की वर्चुअल समीक्षा बैठक की। इस दौरान पर्यटन नीति 2023 के अंतर्गत राज्य में हो रहे निजी निवेश, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों और स्वरोजगार से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पर्यटन नीति लागू होने के बाद हुए कुल निजी निवेश, MOU की स्थिति एवं उनकी ग्राउंडिंग और विभिन्न पर्यटन योजनाओं में हुए निवेश का विस्तृत वितरण प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटन केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ाने का नहीं , बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण, स्थानीय रोजगार सृजन और पलायन रोकने का माध्यम भी है।

सीएम धामी ने ने शीतकालीन पर्यटन के प्रचार प्रसार और यात्रियों की सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए विशेष प्रयास करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य का भविष्य पर्यटन आधारित समावेशी विकास में निहित है, जिसे सरकार प्राथमिकता के आगे बढ़ा रही है । मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी और नैनीताल समेत सभी बड़े टूरिस्ट स्पॉट की कैरिंग कैपेसिटी के आंकलन के साथ नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी विकसित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक से अधिक स्थानीय परिवारों को होम स्टे से जोड़ने, तकनीकी व वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने तथा ट्रैकिंग रूट के निकट स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर , होमस्टे अनुदान योजना में तेजी से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने “वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना” की भी समीक्षा की और युवाओं को समयबद्ध ढंग से ऋण व अनुदान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

सीएम धामी ने “गोलजू कॉरिडोर” (अल्मोड़ा चंपावत घोड़ाखाल) के मास्टर प्लान के अंतर्गत कार्य प्रारंभ करने एवं रुद्रप्रयाग के धार्मिक स्थलों को एकीकृत पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने की निर्देश दिए। उन्होंने माउंटेन बाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, एयरो स्पोर्ट्स, रिवर राफ्टिंग जैसी गतिविधियों के नियमित संचालन हेतु योजना तैयार करने, प्रचार प्रसार हेतु विशेष बजट प्रस्तावित करने एवं स्थलों की वहन क्षमता का आंकलन करने पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने विवाह पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु संभावित स्थलों की पहचान एवं प्रचार प्रसार के लिए विशेष अभियान चलाने की निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन की अवधारणा को साकार करने हेतु गंगोत्री व ध्याणोतथान क्षेत्र को वैलनेस एवं आध्यात्मिक हब के रूप में विकसित करने हेतु एक माह में कार्य योजना प्रस्तुत की जाए।

मुख्यमंत्री ने सभी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में अनुदानों की पारदर्शी वितरण और प्राप्त निवेश को जमीनी लाभ में बदलने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में वाइब्रेट विलेज योजना के विस्तार की रणनीति तैयार करने एवं पंचायत स्तर पर थीम आधारित “टूरिज्म विलेज” विकसित किए जाएं।

इस दौरान पर्यटन बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, मीनाक्षी सुंदरम, पर्यटन सचिव धीराज सिंह गबयाल, उत्तराखंड स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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