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उत्तराखंड में “सौर सखी” के नाम से जानी जाएगी सौर स्वरोजगार से जुड़ी महिलाएं- सीएम धामी

 

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत अब तक 250 मेगावाट का लक्ष्य किया जा चुका पूर्ण-सीएम धामी

हाउस आफ हिमालयाज ब्रांड ने स्थानीय उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाने का किया काम -सीएम धामी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में सौर स्वरोजगार योजना के लाभार्थियों से संवाद कर उनके अनुभवों को जाना। सीएम धामी ने कहा कि लाभार्थियों से प्राप्त सुझाव आगे चलकर योजना को और अधिक प्रभावी और जनहितोनमुखी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मातृशक्ति को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में स्वरोजगार स्थापित करने वाली महिलाओं को अब सौर सखी के नाम से जाना जाएगा। साथ ही उनके प्रेरणादायक अनुभवों को व्यापक स्तर पर साझा कर अन्य महिलाओं को भी इस दिशा में प्रोत्साहित किया जाएगा। सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में शुरू की गई सौर स्वरोजगार योजना आज उत्तराखंड के युवा और मातृशक्ति को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने का सशक्त माध्यम बन रही है। यह योजना न केवल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है बल्कि विकसित उत्तराखंड विकसित भारत की संकल्प को भी साकार कर रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के विकासकर्ताओं के साथ मुख्य सेवक संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर सीएम धामी ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से जुड़ी महिलाओं को सौर सखी का नाम दिया जाएगा। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना और स्वरोजगार से जुड़ी अन्य योजनाओं को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देने, विकासखण्डों में विशेष शिविरों के आयोजन किए जाएंगे। सौर प्लांट के रखरखाव के लिए प्रत्येक जनपद में लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत राज्य में अब तक 250 मेगावाट का लक्ष्य पूर्ण किया जा चुका है। इस योजना को और विस्तार देने की दिशा में कार्य किया जा रहे हैं। सौर ऊर्जा का स्रोत असीमित होने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सौर ऊर्जा के उपयोग को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सूर्य घर योजना , पीएम कुसुम जैसी योजनाओं के साथ ही भारत के नेतृत्व में इंटरनेशनल सोलर अलायंस का गठन और ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से 500 गीगावॉट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही 2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल बनाने का लक्ष्य भी उन्होंने रखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई सौर ऊर्जा नीति भी लागू की है। वर्ष 2027 तक 2500 मेगावाट सोलर क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में रूफटॉप सोलर प्लांट्स को बढ़ावा देने के लिए विशेष सब्सिडी प्रदान की जा रही है। पीएम सूर्य घर योजना के माध्यम से भी सोलर पावर प्लांट्स की स्थापना के लिए लाभार्थियों को सब्सिडी दी जा रही है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 20 से 200 किलो वाट तक की परियोजना स्थापित करने पर 20 से 50% तक का अनुदान दिया जा रहा है। महिलाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के साथ साथ दिव्यांगजनों को 5% का अतिरिक्त अनुदान भी दिया जा रहा है। योजना के अंतर्गत संयंत्र स्थापित करने के लिए ऋण पर 4% की सब्सिडी दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। ‘एक जनपद दो उत्पाद’ योजना के माध्यम से हमने स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढ़ावा दिया है। जबकि हाउस आफ हिमालयाज ब्रांड ने हमारे स्थानीय उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाने का काम किया है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम , अपर सचिव एवं निदेशक उरेडा श्रीमती रंजना राजगुरु, प्रबंध निदेशक यूजेवीएनएल संदीप सिंघल, प्रबंध निदेशक पिटकुल पी. सी ध्यानी मौजूद रहे।

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