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Tuesday, October 14, 2025
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प्रधानमंत्री के विद्या समीक्षा केंद्र के गुजरात मॉडल को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड-सीएम धामी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा व्यवस्था में हुए व्यापक सुधार : सीएम धामी

प्रदेश सरकार ने देश में सर्वप्रथम लागू किया शिक्षा नीति को

राज्य में हुई मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजने की शुरुआत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मांडूवाला, देहरादून स्थित सरस्वती विद्या मन्दिर में छात्रावास के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने छात्रावास के शिलान्यास के अवसर पर सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह छात्रावास, छात्रों को आवासीय सुविधा प्रदान करने के साथ उनके सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा भारत की स्वतंत्रता के बाद सांस्कृतिक मूल्यों, राष्ट्रवाद की भावना को पुनर्स्थापित करने के लिए सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना की गई। मुख्यमंत्री ने सरस्वती विद्या मन्दिर मांडूवाला के विद्यार्थियों द्वारा हाल ही में संपन्न हुई 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में शत-प्रतिशत परिणाम प्राप्त करने पर शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार किए गए हैं। प्रदेश सरकार ने देश में सर्वप्रथम नई शिक्षा नीति को लागू किया। प्रदेश में 141 पीएम श्री विद्यालय तथा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालयों का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश के 13 जनपदों के 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम की व्यवस्था भी की गई है। क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. पुस्तके अनिवार्य की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखण्ड के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के छठवीं से 12वीं कक्षा तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को, मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति दी जा रही है। राज्य में बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए प्रत्येक विकासखण्ड के 10 वीं और 12वीं के मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजने की शुरुआत भी की गई है। राज्य में मुख्यमंत्री बालाश्रय योजना भी प्रारंभ की गई है। स्कूली शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता और परिणामों में सुधार लाने के उद्देश्य से राज्य में विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना भी की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के विद्या समीक्षा केंद्र के गुजरात मॉडल को लागू करने वाला उत्तराखंड , देश का पहला राज्य बन गया है। राज्य के लगभग 16 हजार विद्यालय इस नवाचार से जोड़े जा चुका है। शीघ्र ही प्रदेश के सभी निजी विद्यालयों को भी विद्या समीक्षा केंद्र से जोड़ा जाएगा। जिससे इन विद्यालयों से संबंधित शिक्षकों, छात्रों तथा समस्त शैक्षिक गतिविधियों की जानकारी एक केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से सरकार के पास उपलब्ध रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा के साथ खेलों पर भी विशेष ध्यान दे रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने प्रदेश में करोड़ों रूपए की लागत से स्टेडियम एवं खेल सुविधाओं का निर्माण करवाया गया है 8 वर्ष की उम्र से ही प्रतिभावान खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। प्रदेश के आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेजों के खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण, शिक्षा, आवास, भोजन व किट आदि भी प्रदान किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर की किसी भी प्रतियोगिता में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की ऐतिहासिक शुरुआत भी की है। उन्होंने कहा हाल ही में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन में प्रदेश के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल लाकर इतिहास रचा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्या भारती द्वारा संपूर्ण भारत में 12 हजार से अधिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं जिनमें लगभग 35 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन विद्यालयों में आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही राष्ट्रभक्ति, नैतिक मूल्यों, भारतीय संस्कृति, संस्कारों और समाज के प्रति उत्तरदायित्व के बोध की भावना को विकसित करने का किया जाता है। विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों में चरित्र निर्माण और संस्कार सेवा भाव को महत्व दिया जाता है।

इस अवसर पर अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री सुरेश सोनी, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, विधायक श्री सहदेव पुंडीर, अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री शिवकुमार, क्षेत्रीय संगठन मंत्री विद्या भारती ( पश्चिमी उत्तर प्रदेश ) श्री डोमेश्वर साहू, अध्यक्ष विद्यालय परिसर श्री सुरेंद्र, डॉ. सुषमा अग्रवाल, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती नीरू देवी, अध्यक्ष बाल आयोग गीता खन्ना एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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