नुक्कड़ नाटक, कविता और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां
देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में वर्ल्ड एनस्थीसिया दिवस बड़े हर्षोल्लास और जागरूकता के साथ मनाया गया। इस अवसर पर एनेस्थीसिया विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में नुक्कड़ नाटक, कविता पाठ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से चिकित्सा जगत में एनेस्थीसिया विशेषज्ञों की भूमिका और सीपीआर जैसी महत्वपूर्ण जीवनरक्षक प्रक्रिया की जानकारी आम जन तक पहुंचाई गई।
गुरुवार को श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ के आडिटोरियम में कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. अशोक नायक (प्राचार्य, श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज), डॉ. अनिल मलिक (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल), डॉ. गौरव रतूड़ी (चिकित्सा अधीक्षक, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल), डॉ. आर. के. वर्मा और डॉ. ए.वी. माथुर ने कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।
‘सीपीआर का अमृत ज्ञान बचा सकता है मरीज की जान’ शीर्षक पर आधारित नुक्कड़ नाटक ने दर्शकों को आपातकालीन स्थितियों में त्वरित सीपीआर देने के महत्व से परिचित कराया। इसके माध्यम से यह संदेश दिया गया कि यदि आम नागरिक भी सीपीआर सीख लें, तो हार्ट अटैक जैसी परिस्थितियों में कई कीमती जानें बचाई जा सकती हैं।
कार्यक्रम में डॉ. आशुतोष ने वल्र्ड एनेस्थीसिया दिवस के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला, वहीं डॉ. नेहा ने भावपूर्ण कविता पाठ से सबका मन मोह लिया। डॉ. ए.वी. माथुर और डॉ. आशुतोष द्वारा प्रस्तुत कविता-नाटिका ने एनेस्थीसिया विज्ञान की गंभीरता को रोचक अंदाज में समझाया।
डॉ. हरिओम, डॉ. निधि और डॉ. सीमा ने अस्पताल परिसर में उपस्थित आम नागरिकों के सवालों का उत्तर देकर जागरूकता को और प्रबल किया। कार्यक्रम की सफलता में डॉ. भावना प्रभाकर, डॉ. निधि जैन, डॉ. मधुकर मलेठा और डॉ. शिफा की विशेष भूमिका रही। इस अवसर ने न केवल चिकित्सकों और आम जन को करीब लाया, बल्कि एनेस्थीसिया जैसे गूढ़ विषय को सरल भाषा में जनमानस तक पहुंचाने का कार्य भी सफलतापूर्वक किया।