उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा विश्व जल दिवस 2024 के अवसर पर दिनाँक 21 मार्च 2024 को यूसर्क के सभागार में दो दिवसीय Experiential Learning program के अंतर्गत “पानी को जानो (Know the Water)” कार्यक्रम शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने अपने कीनोट व्याख्यान में कहा कि इस बार विश्व जल दिवस को “वाटर फॉर पीस” थीम के साथ आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर जल नहीं तो जीवन नहीं। प्रोसेसर रावत ने कहा कि यूसर्क का प्रयास है कि राज्य के छात्र छात्राओं में जल संसाधनों के संरक्षण एवं वैज्ञानिक समझ को बढ़ाने के लिए Experiential Learning के माध्यम से उनकी स्किल्स में वृध्दि की जाए। यूसर्क छात्र छात्राओं में वैज्ञानिक अभिरुचि बढ़ाने के लिए निरंतर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम लगातर आयोजित कर रहा है।
यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश नौटियाल ने यूसर्क द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने यूसर्क के सभी कार्यक्रमों के अंतर्गत होने वाले विज्ञान शोध अनुसंधान, नवाचारों, यूसर्क स्टेम प्रयोगशालाओं आदि पर विस्तृत जानकारी दी। धन्यवाद ज्ञापन डॉ मंजू सुन्दरियाल ने किया। संचालन डॉ भवतोष शर्मा द्वारा किया गया।
तकनीकी सत्र का पहला विशेषज्ञ व्याख्यान डॉ भवतोष शर्मा ने “जल संसाधन प्रबंधन, संरक्षण एवं जल गवर्नेस” विषय पर दिया। उन्होंने मैदानी एवं पर्वतीय भागों में जल संरक्षण की विधियों, नौले एवं धारों के संरक्षण करने की विधियों, वर्षा जल संरक्षण, भूजल रिचार्ज आदि पर विस्तार से बताया।
तकनीकी सत्र का दूसरा विशेषज्ञ व्याख्यान सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड, उत्तराखंड के भूजल विज्ञानी डॉ विकास तोमर ने “भूजल एवं जल विज्ञान के मूलभूत सिद्धांत” विषय पर दिया । उन्होंने उत्तराखंड राज्य के विभिन्न भूभागों में भूजल रिचार्ज, भूजल स्तर अध्ययन आदि पर विस्तार से जानकारी दी।
अपराह्न सत्र में देहरादून के 07 विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों से आए 21 प्रतिभागी छात्र छात्राओं ने उत्तराखंड जल संस्थान देहरादून स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का भ्रमण किया तथा प्लांट में जल शोधन संबंधी कार्यों को सीखा। चीफ केमिस्ट डॉ विकास कडारी ने “वाटर ट्रीटमेंट विधियां” विषय पर व्याख्यान दिया तथा सभी के प्रश्नों का समाधान किया।
द्वितीय दिवस
समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने कहा कि विश्व जल दिवस की “वाटर फॉर पीस” थीम आज के समय में बहुत महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण कार्य में आम जन मानस के साथ साथ विद्यार्थियों की बहुत महत्त्वपूर्ण है। जलस्रोतों का वैज्ञानिक अध्ययन भी नीति निर्धारण हेतु बहुत आवश्यक हो जाता है।
तकनीकी सत्र का पहला विशेषज्ञ व्याख्यान डॉ भवतोष शर्मा ने “जल
गुणवत्ता विश्लेषण एवं मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव” विषय पर दिया। उन्होंने सभी को विभिन्न स्टैंडर्ड बनाना सिखाया तथा फ़ील्ड एवं प्रयोगशाला में जल के विभिन्न पैरामीटर का अध्ययन विभिन्न वैज्ञानिक उपकरणों से करना सिखाया तथा सभी के प्रश्नों का समाधान किया। सभी प्रतिभागियों ने अपने स्वयं के द्वारा लाए गए जल नमूनों को स्वयं जांचा।
तकनीकी सत्र का दूसरा व्याख्यान भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण विभाग सोलन, हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ कुमार अंबरीश ने “वेटलैंड मैनेजमेंट एंड कंजर्वेशन” विषय पर व्याख्यान दिया तथा सभी के प्रश्नों का समाधान किया।
धन्यवाद ज्ञापन यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश नौटियाल द्वारा किया गया।
संचालन कार्यक्रम समन्वयक डॉ भवतोष शर्मा द्वारा किया गया।
दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन सत्र में 07 विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों डी ए वी महाविद्यालय देहरादून, एम के पी (पी जी) कॉलेज, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी, सरदार भगवान सिंह यूनिवर्सिटी, राजकीय महाविद्यालय मालदेवता, सुशीला इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल आदि संस्थानों से आए छात्र छात्राओं को निदेशक यूसर्क द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में डॉ ओम प्रकाश नौटियाल, डॉक्टर भवतोष शर्मा, डॉक्टर मंजू सुन्दरियाल, प्रोफेसर (डॉ) नीतू त्रिपाठी, ओम जोशी, राजदीप जंग सहित 40 लोग उपस्थित रहे।