आज दिनाँक 4 सितंबर 2025 को उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं की परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा देहरादून स्थित सुशीला इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के सभागार में हिमालय दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में यूकोस्ट के वैज्ञानिक डॉक्टर भवतोष शर्मा ने कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डलते हुऎ कहा कि यूकॉस्ट महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत के मार्गदर्शन में यूकॉस्ट द्वारा 02 सितंबर से हिमालय सप्ताह प्रारंभ किया गया है जिसके अंतर्गत विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं आम जनमानस को जोड़ते हुऎ हिमालय के संरक्षण कार्यों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि यूकास्ट द्वारा मां धरा नमन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न जल स्रोतों के संरक्षण की दिशा में विशेष प्रयास किया जा रहे हैं। डॉ शर्मा ने बताया कि हिमालय संरक्षण के लिए हम सभी को अपने घर से कार्य प्रारंभ करना होगा। उन्होंने जंगल की आग रोकने, इको टूरिज्म को बढ़ावा देने, प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करने, जल संसाधनों का संरक्षण, परंपरागत खेती को अपनाने, ऊर्जा संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से हिमालय को बचाने जैसे उपायों पर कार्य करने का आह्वान किया।
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को हिमालय प्रतिज्ञा भी कराई।
हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान (जाड़ी) उत्तरकाशी के संस्थापक अध्यक्ष पर्यावरणविद् श्री द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में हिमालय से जुड़े विभिन्न बिंदुओं को विस्तार से बताया। हिमालय दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने हिमालय की विरासत एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए सभी को आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने हिमालय संरक्षण के संदर्भ में उनके द्वारा चलाए जा रहे बीज बम अभियान, कल के लिए जल अभियान, गढ़भोज कार्यक्रम को विस्तार से बताया कि किस प्रकार से यह कार्यक्रम हिमालय के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है । संस्थान के अध्यक्ष श्री तुषार सिंघल ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज आवश्यकता सभी को मिलजुल कर पर्यावरण के साथ-साथ संपूर्ण हिमालय क्षेत्र में कार्य करने की है । कार्यक्रम में बोलते हुए यूकोस्ट की वैज्ञानिक डॉक्टर मंजू सुंदरियाल ने हिमालय जैव विविधता के संरक्षण, मेडिसिनल एवं ऐरोमैटिक प्लांट्स की हिमालय क्षेत्र में उपलब्धता, उनके संरक्षण, उनके महत्व एवं उपयोग की दिशा में विस्तार से जानकारी दी ।
सुशीला इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस की प्राचार्य डॉक्टर ज्योति पंत जुयाल ने अपने संबोधन में कहा कि हिमालय संरक्षण में सभी का योगदन अवशयक है । विद्यार्थियों को पर्यावरण अनुकूल व्यवहार में परिवर्तन लाना पड़ेगा । कार्यक्रम में सुशीला इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों शिक्षकों सहित 125 से अधिक लोगों ने सक्रिय प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन करने के साथ डॉ गीतांजली ने करते हुए सभी का धनयवाद ज्ञापित करते हुऎ विद्यार्थीयों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करने को भी कहा।
कार्यक्रम में संस्थान के श्री आशीष, नरेंद्र जस्सल के द्वारा सक्रिय सहयोग प्रदान किया गया।