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अच्छी खबर: प्रदेश में पहली बार आयोजित होने जा रही राज्य स्तरीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रीमियर लीग

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की भावना के अनुरूप गावों–गावों तक वैज्ञानिक जागरूकता, आपदा प्रबंधन एवं जलवायु परिवर्तन की समझ विकसित करने की अद्वितीय पहल*
देहरादून, नवंबर 2025।

उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू–कॉस्ट) द्वारा प्रदेश में पहली बार विज्ञान, प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन पर आधारित “प्रथम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रीमियर लीग–2025” आयोजित की जा रही है। यह आयोजन प्रदेश के इतिहास में अपनी तरह की एक अनूठी व अभूतपूर्व पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक सोच, नवाचार, समस्या-समाधान क्षमता और जलवायु सहनशीलता (Climate Resilience) को गाँव–गाँव तक पहुँचाना है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की सोच है कि उत्तराखण्ड के प्रत्येक नागरिक, विशेषकर युवाओं, छात्रों और अंतिम छोर में निवास कर रहे प्रत्येक व्यक्ति को आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन एवं विश्व स्तर पर हो रहे वैज्ञानिक प्रयासों की पूरी समझ होनी चाहिए। इसी उद्देश्य से यू–कॉस्ट द्वारा यह प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है, ताकि विज्ञान को समाज से जोड़ा जा सके और भविष्य के वैज्ञानिक व “क्लाइमेट एंबेसडर” तैयार किए जा सकें।
प्रदेश के सभी 13 जनपदों से चयनित टीमें इस प्रतियोगिता के राज्य स्तरीय मुकाबले के लिए देहरादून पहुँचेंगी। यह प्रतियोगिता आगामी 28, 29 और 30 नवंबर 2025 को ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, देहरादून में आयोजित होने वाले “20वें उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन–2025” के साथ आयोजित की जाएगी। इस प्लेटफॉर्म पर राज्यभर से आए छात्र-छात्राएँ वैज्ञानिक प्रश्नोत्तरी, नवाचार प्रस्तुतियाँ, जलवायु परिवर्तन से जुड़े वास्तविक समस्याओं के समाधान तथा आपदा प्रबंधन आधारित गतिविधियों में अपनी प्रतिभा का परिचय देंगे।
भारत के विविध भू–भाग—हिमालयी क्षेत्र, तराई, नदी घाटियाँ, मैदानी इलाके और तटीय क्षेत्र—जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों का सामना कर रहे हैं। बाढ़, भूस्खलन, जंगल की आग, हीटवेव और सूखे जैसी घटनायें न केवल बढ़ रही हैं, बल्कि इनके प्रभाव भी अधिक जटिल हो रहे हैं। ऐसे समय में केवल तकनीकी समाधान पर्याप्त नहीं हैं; समुदाय-आधारित नवाचार, स्थानीय विज्ञान, युवा ऊर्जा और ग्रामीण सहभागिता की अत्यंत आवश्यकता है। यह प्रीमियर लीग इन्हीं उद्देश्यों को केंद्र में रखकर विकसित की गई है।
यू–कॉस्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने इस आयोजन को उत्तराखण्ड के लिए परिवर्तनकारी कदम बताते हुए कहा—“माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी की प्रेरणा से यह प्रीमियर लीग सिर्फ प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक राज्यव्यापी वैज्ञानिक आंदोलन है। हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखण्ड के हर गाँव तक विज्ञान, आपदा तैयारी और जलवायु से जुड़ी सही जानकारी पहुँचे। यह युवा पीढ़ी को भविष्य का ‘विज्ञान दूत’ और ‘क्लाइमेट रेज़िलियंस लीडर’ बनाने का मंच है।”
कार्यक्रम के समन्वयक एवं यू–कॉस्ट वैज्ञानिक डॉ. ओमप्रकाश नौटियाल ने बताया—
“यह प्रीमियर लीग विज्ञान को जीवन से जोड़ने का प्रयास है। इसमें भाग लेने वाले छात्र-छात्राएँ नवाचार आधारित सोच, समस्या-समाधान क्षमता और वास्तविक परिस्थितियों में विज्ञान के उपयोग को समझेंगे। यह आयोजन न केवल उनकी प्रतिभा को निखारेगा, बल्कि आपदा एवं जलवायु संबंधी चुनौतियों के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी विकसित करेगा। यह भविष्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा।”
प्रीमियर लीग से राज्य में नवाचार संस्कृति, वैज्ञानिक जागरूकता और स्थानीय तकनीकी समाधानों के विकास को नई दिशा मिलेगी। यू–कॉस्ट द्वारा प्रस्तुत यह पहल एक ऐसे उत्तराखण्ड के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है, जो जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार, सक्षम, जागरूक और वैज्ञानिक रूप से सशक्त हो। यह प्रतियोगिता न केवल युवाओं की वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि उनकी भागीदारी से एक जलवायु–सक्षम, आपदा–तैयार और वैज्ञानिक उत्तराखण्ड की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी।

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