गणित केवल संख्याओं और सूत्रों तक सीमित विषय नहीं है
आज देव भूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय, देहरादून के प्रांगण में राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर एक गरिमामय एवं बौद्धिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह दिवस महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की स्मृति में मनाया जाता है और इसका उद्देश्य गणित के महत्व को समाज तथा शिक्षा के क्षेत्र में रेखांकित करना है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रसिद्ध भौतिक शास्त्री प्रोफेसर ( डॉ) जगमोहन राणा , पूर्व निदेशक जैवप्रौद्योगिकी विभाग, उत्तराखंड सरकार तथा पूर्व अध्यक्ष, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग, ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए गणित और जीवन के परस्पर समन्वय पर सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि गणित केवल संख्याओं और सूत्रों तक सीमित विषय नहीं है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन, निर्णय प्रक्रिया, विज्ञान, तकनीक और प्रबंधन का आधार है। गणितीय सोच से व्यक्ति में तर्कशक्ति, विश्लेषण क्षमता और समस्या-समाधान की दक्षता विकसित होती है, जो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उपयोगी सिद्ध होती है। प्रोफेसर. राणा ने यह भी कहा कि वर्तमान समय में गणित का उपयोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा एनालिटिक्स, अंतरिक्ष विज्ञान, अर्थशास्त्र और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्रों में अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। अतः विद्यार्थियों को गणित को बोझ के रूप में नहीं, बल्कि एक सशक्त उपकरण के रूप में अपनाना चाहिए। इस अवसर पर प्रोफेसर (डॉ.)अनीता रावत , पूर्व निदेशक, उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (USERC), उत्तराखंड सरकार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजय कुमार, प्रति-कुलपति डॉ संदीप शर्मा एवं डॉ. रितिका मेहरा, कुलसचिव डॉ. शुभाशीष तथा डीन स्टूडेंट वेल्फेयर दिग्विजय सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही। सभी अतिथियों ने राष्ट्रीय गणित दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए गणित शिक्षा को सशक्त बनाने पर बल दिया।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। यह आयोजन विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक सिद्ध हुआ तथा गणित के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक रहा।
