प्रसिद्ध बांसुरी वादक पद्मश्री रोनू मजूमदार की प्रस्तुतियों का दर्शकों ने उठाया लुत्फ़
प्रसिद्ध वादक डॉ. मैसूर मंजुनाथ के वायलिन के दीवाने हुए दर्शक
देहरादून। संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित किए जा रहे निनाद महोत्सव की चौथी शाम भारतीय शास्त्रीय संगीत व नृत्य के नाम रही। प्रसिद्ध बांसुरी वादक पद्मश्री रोनू मजूमदार और वायलिन वादक डॉ. मैसूर मंजुनाथ की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। अन्य कलाकारों की प्रस्तुतियों का भी दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया।

मंगलवार शाम नींबूवाला स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में प्रसिद्ध बांसुरी वादक पद्मश्री रोनू मजूमदार, सचिव संस्कृति विभाग युगल किशोर पंत, प्रसिद्ध वायलिन वादक डॉ. मैसूर मंजुनाथ समेत अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत करते हुए शास्त्रीय गायक डॉ. योगेश खेतवाल ने सजन घर आयो और मत कर रे तू अभिमान, हरी भजन को मान जैसे राग आधारित गीतों की प्रस्तुतियों से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।
उसके बाद पद्मश्री रोनू मजूमदार ने हिमालय के लोक संगीत पर आधारित ब्रेथलैस बांसुरी की शानदार प्रस्तुति दी, जिसको दर्शकों ने खूब सराहा। इसमें डॉ. मैसूर मंजुनाथ ने वायलिन, निशिथ गंगनानी ने तबले और शिखर नाद कुरैशी ने जेम्बे पर संगत दी। उनकी प्रस्तुतियों को दर्शकों ने खूब प्यार दिया और जमकर तालियां बजाई।
अंत में जयपुर घराने के प्रसिद्ध पंडित हरीश गंगनानी और उनकी पुत्री नैनिका गंगनानी की कत्थक जुगलबंदी ने शमां बांध दिया। उन्होंने अपने बेहतरीन तालमेल, आकर्षक नृत्य और भाव-भंगिमाओं से दर्शकों का दिल जीत लिया।
इस अवसर पर अपर सचिव संस्कृति प्रदीप जोशी, बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना, तनवीर सिंह समेत बड़ी संख्या में संस्कृति प्रेमी मौजूद रहे।
