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Homeराज्य समाचारनशा मुक्त युवा-विकसित भारत का भविष्य-ललित जोशी

नशा मुक्त युवा-विकसित भारत का भविष्य-ललित जोशी

 

संस्कारयुक्त शिक्षा से ही नशामुक्त भविष्य संभव” — राजकीय इंटर कॉलेज बुल्लावाला में ‘युवा संवाद’ के दौरान गूंजा राष्ट्रबोध।

नशा नहीं, संस्कार चुनो- राजकीय इंटर कॉलेज बुल्लावाला में सजग इंडिया व पुलिस का युवा संवाद कार्यक्रम।

जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं,
वो हृदय नहीं, वो पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं। इन ओजपूर्ण और राष्ट्रभाव से ओतप्रोत पंक्तियों के साथ सजग इंडिया, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड सरकार और उत्तराखण्ड़ पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश के विद्यालयों में चल रहे निरंतर नशा उन्मूलन एवं जन-जागरूकता अभियान के अंतर्गत सोमवार को देहरादून स्थित राजकीय इण्टर कॉलेज, बुल्लावाला (डोइवाला) में एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम “युवा संवाद” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को नशे के घातक दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए उन्हें संस्कारयुक्त शिक्षा, नैतिक मूल्यों और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी के भाव से जोड़ना तथा एक स्वस्थ, सशक्त और जागरूक नागरिक के रूप में विकसित करना रहा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षाविद एवं राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड के सदस्य ललित जोशी ने विद्यार्थियों से सीधा संवाद स्थापित किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नशा केवल एक बुरी आदत नहीं, बल्कि चरित्र, संस्कार और भविष्य को नष्ट करने वाला ज़हर है। ललित जोशी ने कहा, “संस्कारयुक्त शिक्षा ही वह ढाल है, जो युवाओं को नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से बचा सकती है। जब शिक्षा के साथ संस्कार जुड़ते हैं, तभी युवा सही और गलत में अंतर करना सीखता है।”

अपने संबोधन में उन्होंने माता-पिता के सम्मान, पारिवारिक मूल्यों और सांस्कृतिक जड़ों को जीवन की सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए कहा कि माता-पिता का आदर और उनकी सेवा ही सच्चे संस्कारों की पहचान है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे आधुनिकता की दौड़ में संस्कार, अनुशासन और नैतिकता को कभी न छोड़ें।

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की एक छात्रा ने मंच से अपने अनुभव साझा करते हुए भावुक शब्दों में बताया कि नशे ने किस प्रकार उससे उसके माता-पिता को छीन लिया। उसने कहा कि नशा केवल एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे परिवार को अंदर से तोड़ देता है। छात्रा की आपबीती सुनकर सभागार में उपस्थित सभी लोग भावुक हो उठे और वातावरण गंभीर हो गया।

इसी क्रम में कुछ विद्यार्थियों ने साहस दिखाते हुए यह स्वीकार किया कि वे कभी न कभी नशे के संपर्क में आए थे। संवाद के दौरान उन्होंने मंच से आज से नशा न करने और अपने साथियों को भी इससे दूर रखने का संकल्प लिया, जिस पर सभागार तालियों से गूंज उठा। अन्य छात्र-छात्राओं ने भी खुलकर अपने विचार रखे और नशे के कारण अपने आसपास व परिवारों में घटित घटनाओं को साझा किया। विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता ने कार्यक्रम को अत्यंत प्रभावशाली, संवेदनशील और उद्देश्यपूर्ण बना दिया।

कार्यक्रम के अंत में सभी छात्र-छात्राओं को नशे से दूर रहने, अच्छे संस्कार अपनाने, माता-पिता का सम्मान करने और कानून का पालन करने की शपथ दिलाई गई। संवाद कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाने वाले विद्यार्थियों को सजग इंडिया की ओर से प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में स्कूल के प्रधानाचार्य इम्द्द उल्लाह अंसारी, उपप्रधानाचार्य बी.एस. नेगी, शिक्षक एवं कर्मचारीगण सहित 400 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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