उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, देहरादून, उत्तराखंड की ओर से दिनांक 28-30 नवम्बर, 2025 के बीच ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी देहरादून में विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन एवं 20 वां उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें गंगा मैती परिवार संस्था, नई दिल्ली द्वारा (Prof) डॉ. के. के. शर्मा जी, पूर्व HoD, PG Medical College, हरिद्वार की अध्यक्षता में निः शुल्क आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा की जानकारी एवं एक्यूप्रेशर पद्धति से असाध्य रोगों के निदान हेतु उपचार किया गया साथ ही मां गंगा को निर्मल रखने सम्बधी जागरूकता व प्राचीन समय के उपयोगी पात्र जैसे तांबा, पीतल, मिट्टी आदि के उपयोग संबंधी लोगों को जागरूक किया ।
कैम्प का उदघाटन प्रो. दुर्गेश पंत जी, महानिदेशक उत्तराखंड राज्य विज्ञान एव एवं प्रौद्योगिकी परिषद, देहरादून की गरिमा मय उपस्थिति में उनकी धर्म पत्नी श्रीमती रीमा पंत के कर कमलों द्वारा किया गया जिसमें डा. पीयूष गोयल जी व अन्य गणमान्य व्यक्ति वैज्ञानिक उपस्थित थे ।
शिविर में देश-विदेश, स्कूलों, विश्वविद्यालयों, सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं, विभागों से आए नागरिको, विद्यार्थियों अधिकारियों, विशिष्ट व्यक्तियों आदि ने भाग लिया ।
डॉ. दीपा एन. मोठघरे पूर्व अधिकारी, नीति आयोग जो कि 30 वर्षो से निः शुल्क एक्पूप्रेशर द्वारा स्वास्थ की सेवाएं दे रही है व मरणोपरान्त भी देह दान का संकल्प लिया है तीन दिवसीय कैंम्प में लगभग 150 नागरिकों को सरवाईकल, साइटिका, घुटना, कमर दर्द, श्वास रोग का चमत्कारिक ईलाज किया व BP, शुगर , थायराईड, हड्डी रोग, स्त्री, पुरुष बांझपन आदि रोगो के स्थाई निदान के लिए उपचार किया व स्थाई समाधान के लिए प्रशिक्षण भी दिया जिसमें श्री देव पाल सिह नीति आयोग द्वारा विशेष सहयोग किया गया व श्री महेश चन्द नौटियाल जी पूर्व अधिकारी सम्पदा मंत्रालय ने शिविर की व्यवस्था में निःस्वार्थ सहयोग किया एवं आदर्श जीवन शैली अपनाए जाने पर लोगो को जागरूक किया ।
गंगा मैती संस्था के अध्यक्ष श्री आर.डी . चमोली जी ने देव भूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरण संरक्षणता, भौगोलिक स्थिति आदि को आगामी पीढ़ी के लिए सुरक्षित रखे जाने की अपील की । डिस्पोजल सामग्री, प्लास्टिक आदि के उपयोग से पर्यावरण व जीवन डिस्पोजल हो रहा है। प्लास्टिक का उपयोग न करना , गंगा नदी को स्वच्छ रखना , पारम्परिक जीवन शैली धातुपात्रों जैसे पीतल तांबा मिट्टी पात्रों का आदि का उपयोग के सम्बन्ध में शिविर में उपस्थित सभी को जागरूक किया व देव भूमि उत्तराखंड के प्रशासन से अपील की कि विद्यालयों में स्वास्थ्य, पर्यावरण, धातुविक पात्रों के उपयोग, पौराणिक जीवन शैली अपनाना आदि के पठन संबंधित व्यवस्था स्कूल पाठयक्रम में कराई जाए ताकि जिस प्रकार हमारे पूर्वजों ने पर्यावरण व संस्कृति को संरक्षित रखकर नवीन पीढ़ी के सुखद जीवन के लिए खुद को समर्पित किया हमारी आगामी पीढ़ी भी लाभांवित हो व संस्कृति की मूलाधार से जुडकर स्वस्थ भारत व समृद्धि भारत का निर्माण हो सके ।
संस्था के मुम्बई क्षेत्र के प्रमुख श्री प्रवीण ठाकुर जी सहयोगी सहित श्री आर के महापात्रा जी, श्रीमति स्लोचना कपिल, श्रीमति मीनाक्षी भट्ट, श्री मनोज भट्ट, श्री प्रहलाद अधिकारी जी आदि का विशेष योगदान रहा
नीति आयोग , नई दिल्ली के कल्याण अधिकारी श्री टी.वी. सिंह जो पिछले दशको से निःस्वार्थ एक्यूप्रेशर कैम्पो को आयोजित कराने व स्वास्थ्य के प्रति लोगो में जागरूकता व पर्यावरण संरक्षण कार्यो में योगदान दे रहे है उनके द्वारा स्वास्थ के प्रति जागरूकता, जीवन शैली में परिवर्तन, मोबाईल का स्वास्थ्य पर प्रभाव आदि व्याख्यान से लोगो को जागरूक व लाभान्वित किया । उनकी अग्रिणी भूमिका रही व उनका सहयोग स्मरणीय रहा ।
UCOST के वैज्ञानिक मंडल डॉ डी पी उनियाल जी, डॉ आशुतोष मिश्रा जी, डॉ अमित पोखरपाल जी, ने अपना अमूल्य समय दिया व एक्यूप्रेशर टीम की सराहना की तथा UCOST द्वारा आस्वस्त किया गया कि भविष्य में इस चिकित्सा पद्धति को प्राथमिकी आधार पर पुनः ईलाज हेतु स्थान दिया जाएगा व विद्यालयों में समय – समय पर जागरूकता अभियान कराया जाएगा ।
ग्राफिक एरा यूनिर्वसिटी, विज्ञान केन्द्र, अन्य क्षेत्रो व देश विदेश से आए मेहमानों, अधिकारियों, कर्मचारियों, बच्चों, विशिष्ट व्यक्तियों ने एक्यूप्रेशर पद्धति के चमत्कारिका लाभों को महसूस किया व भविष्य के लिए प्रशिक्षण लेकर खुद को अच्छे स्वास्थ के लिए तैयार किया तथा शिविर को अपने- अपने क्षेत्रो में लगाने के लिए टीम से आग्रह किया ।
UCOST द्वारा डां दीपा मोठघरे, श्री आर डी चमोली जी, श्री टी.वी. सिंह जी, श्री महेश चन्द नौटियाल जी को सम्मानित किया गया व सराहना की व मनोवल बल बढाया इनके लिए संस्था के सभी पदाधिकारियों की ओर से UCOST के सभी अधिकारियो व कर्मचारियों का हृदय से आभार ।
