21.4 C
Dehradun
Saturday, November 22, 2025
Google search engine
Homeराज्य समाचारदेहरादून में तीन दिवसीय घंटाकर्ण कथा का भव्य आयोजन: 9 से 11...

देहरादून में तीन दिवसीय घंटाकर्ण कथा का भव्य आयोजन: 9 से 11 जनवरी तक होगा आयोजन

 

घंटाकर्ण कथा समिति की अहम बैठक में हुए बड़े निर्णय

*भगवान घंटाकर्ण की महिमा को जन-जन तक पहुँचाने और उत्तराखंड की गौरवशाली परंपरा को नई पहचान देने का लिया संकल्प*

घंटाकर्ण कथा समिति की प्रथम बैठक आज अध्यक्ष सुशांत गैरोला की अध्यक्षता में सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई। बैठक में आगामी प्रस्तावित घंटाकर्ण कथा के आयोजन से जुड़ी सभी आवश्यक तैयारियों, व्यवस्थाओं और जिम्मेदारियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पौष माघ तिथि अनुसार 9 से 11 जनवरी तक देहरादून में त्रिदिवसीय भव्य घंटाकर्ण कथा का आयोजन किया जाएगा। समिति ने इसके लिए टिहरी नगर के सामुदायिक भवन के पार्क को आयोजन स्थल के रूप में चयनित किया, ताकि अधिक से अधिक भक्त आराम से शामिल हो सकें और पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक माहौल का सृजन हो सके।

बैठक में यह भी तय किया गया कि उत्तराखंड के सभी घंटाकर्ण मंदिरों के व्यवस्थापकों और पुजारियों से औपचारिक संपर्क कर उन्हें इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा। इसके लिए दिसंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में एक विस्तृत संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी मंदिरों के प्रतिनिधि भाग लेकर कार्यक्रम की रूपरेखा, सहयोगी व्यवस्थाएँ तथा भक्तों की सुविधा से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर विचार-विमर्श करेंगे। इसी क्रम में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि विख्यात कथावAchak दिनेश सिमल्टी (मलेशिया वाले) इस त्रिदिवसीय कथा का वाचन करेंगे।

समिति ने भक्तों के लिए विशेष स्मृति स्वरूप घंटाकर्ण कैलेंडर प्रकाशित करने का निर्णय भी लिया, जो कथा में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को भेंट किया जाएगा। साथ ही, भक्तों के स्वागत के लिए आकर्षक पट्टे तैयार किए जाएंगे, जिससे सांस्कृतिक गरिमा और आयोजन की भव्यता और बढ़ सके। बैठक के अंत में समिति ने सभी उपस्थित सदस्यों और भक्तों का हृदय से धन्यवाद किया और कहा कि यह आयोजन समाज में धार्मिक ऊर्जा के प्रसार का माध्यम बनेगा।

*युवा सहभागिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामाजिक समन्वय पर भी हुआ विचार*
बैठक केवल कथा आयोजन तक सीमित नहीं रही, बल्कि भविष्य की सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को भी दिशा देने में महत्वपूर्ण साबित हुई। समिति ने निर्णय लिया कि युवाओं को मंच देने, प्रतिभा को प्रोत्साहित करने और समाज में रचनात्मक वातावरण तैयार करने के उद्देश्य से नियमित सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए एक स्थायी स्वागत मंच गठित करने का सुझाव सर्वसम्मति से पारित किया गया, ताकि किसी भी आयोजन को सुव्यवस्थित तरीके से संचालित किया जा सके। सदस्यों ने यह भी कहा कि स्थानीय स्तर पर जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा, जिससे समाज की भागीदारी बढ़ सके और आयोजन की जानकारी दूर-दूर तक पहुँच सके। सभी उपस्थित वक्ताओं ने इस कार्यक्रम को उत्तराखंड की लोकसंस्कृति, धार्मिक परंपरा और सामुदायिक एकजुटता को मजबूत करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि भगवान घंटाकर्ण की कथा केवल आस्था का ही नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने का माध्यम भी है।

भक्तों ने आशा व्यक्त की कि जनवरी में होने वाला यह आयोजन उत्तराखंड भर के श्रद्धालुओं के लिए एक ऐतिहासिक और स्मरणीय अवसर साबित होगा। समिति ने अंत में सभी भक्तों से अधिक से अधिक संख्या में जुड़ने और इस पवित्र आयोजन को सफल बनाने का आग्रह किया। बैठक में प्रमुख रूप से सुशांत गैरोला (अध्यक्ष), प्रशांत नौटियाल (उपाध्यक्ष), शौर्य गैरोला (सचिव), वैभव खंडूरी (उपसचिव), दीपक बिजल्वाण (कोषाध्यक्ष) सहित बुद्धि सिंह रावत, हरीश बिजल्वाण, अनिरुद्ध सजवाण, महेश बिजल्वाण, सुधीर बिजल्वाण, आशीष नौटियाल, राहुल सजवाण और अमित बडोनी शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में भगवान घंटाकर्ण की महिमा को जन-जन तक पहुँचाने और उत्तराखंड की गौरवशाली परंपरा को नई पहचान देने का संकल्प लिया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

STAY CONNECTED

123FansLike
234FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest News