राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार से ठोस कार्यवाही की मांग
टिहरी जनपद के भिल्लंगना विकासखण्ड की श्रीमती नीतू पंवार (आयु 24 वर्ष) की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। आठ माह की गर्भवती नीतू पंवार को बेलेश्वर अस्पताल से हायर सेंटर रेफर किए जाने के बाद उचित चिकित्सकीय सुविधा न मिलने के कारण रास्ते में ही दम तोड़ना पड़ा।
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करती है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल और टिहरी जिला अध्यक्ष बिशन सिंह कंडारी ने इस दर्दनाक घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।
दोनों नेताओं ने कहा कि कुछ ही दिनों में यह तीसरा मामला है जब किसी गर्भवती महिला की जान हायर सेंटर ले जाते समय चली गई।
प्रदेश सरकार की हेली एंबुलेंस योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों तक क्यों नहीं पहुंच पा रहा, यह गंभीर प्रश्न है।
पार्टी ने सरकार से मांग की है किगर्भवती महिलाओं के लिए हेली एंबुलेंस सेवाओं को तत्काल सक्रिय किया जाए।ग्रामीण अस्पतालों में स्त्री रोग विशेषज्ञों की तैनाती सुनिश्चित की जाए।मातृ मृत्यु की घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच कर जिम्मेदारी तय की जाए।
पार्टी नेता सेमवाल और कंडारी ने कहा कि मातृ जीवन की सुरक्षा किसी भी सभ्य समाज का सबसे बड़ा दायित्व होना चाहिए।
समय आ गया है जब घोषणाओं नहीं, बल्कि ठोस कार्यवाही के माध्यम से लोगों का विश्वास बहाल किया जाए।राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी परिवार शोकाकुल पंवार परिवार के दुख में पूर्ण रूप से सहभागी है और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता है।
जारीकर्ता:
मीडिया प्रकोष्ठ, राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी
संपर्क: 9412056112
[18/11, 18:55] Monika: *राजभवन सूचना परिसर, उत्तराखण्ड*
*प्रेस विज्ञप्ति*
*राजभवन देहरादून 18 नवम्बर, 2025*
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मंगलवार को राजभवन में रीच संस्था के पदाधिकारियों ने भेंट कर देहरादून में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले विरासत महोत्सव के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में पदाधिकारियों ने अवगत कराया कि रीच संस्था वर्ष 1995 से निरंतर रूप से विरासत महोत्सव का आयोजन कर रही है और यह प्रतिष्ठित महोत्सव अब अपने 30 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा पूरी कर चुका है। उन्होंने बताया कि विरासत में देश-प्रदेश के साथ ही विदेशों से भी कलाकारों, उद्यमियों और दर्शकों की सक्रिय भागीदारी रहती है। संस्था द्वारा महोत्सव के सफल संचालन, उससे संबंधित व्यवस्थाओं एवं वर्तमान चुनौतियों के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की गई।
राज्यपाल ने कहा कि “विरासत”- जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है, हमारी जड़ों, संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। इस तरह के महोत्सव को संजोना, संरक्षित करना और नई पीढ़ी तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने 30 वर्षों से निरंतर आयोजित हो रहे इस महोत्सव के लिए संस्था के प्रयासों की सराहना की।
राज्यपाल ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि किसी भी बड़े सांस्कृतिक आयोजन के लिए वित्तीय सुदृढ़ता अनिवार्य होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए सीएसआर, विभिन्न उद्यमियों तथा सरकारी संस्थानों से सहयोग की संभावनाओं का विस्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी सहित अन्य प्रमुख संस्थान भी इस दिशा में सहयोगी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें युवाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है ताकि वे अपनी विरासत और अपनी संस्कृति के साथ और गहराई से जुडें। राज्यपाल ने कहा कि वे अपने स्तर से भी विरासत महोत्सव के सुचारू और निरंतर आयोजन हेतु हर संभव सहयोग प्रदान करेंगे। इस अवसर पर संस्था के महासचिव आर के सिंह, हेमन्त अरोड़ा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
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