संगीत अपने आप में साधना है- धस्माना
देहरादून: श्रुति फाउंडेशन द्वारा मोहित नगर में बनारस घराने के प्रसिद्ध तबला वादक पंडित मिथलेश झा के सानिध्य में आयोजित छ दिवसीय साधना शिविर का आज शिविर में शामिल बच्चों के द्वारा सुंदर तबला वादन की प्रस्तुतियों के साथ समापन हो गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने शिविर में प्रतिभाग करने वाले प्रशिक्षुओं को प्रशस्तिपत्र वितरित किए। शिविर में शामिल प्रशिक्षुओं ने अपने हुनर का परिचय विभिन्न तालों में तबला बजा कर दिया व छ दिन शिविर में अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री धस्माना ने अपने संबोधन में कहा कि संगीत अपने आप में एक साधना है और संगीत सीखने के लिए अगर विद्यार्थियों को पंडित मिथलेश झा जैसा गुरु मिल जाए तो साधना तो निश्चित रूप से सफल होगी ही। उन्होंने कहा कि जिस भी व्यक्ति को संगीत से प्रेम होगा और जो खुद संगीतज्ञ होगा उसके अंदर प्रेम व विनम्रता का गुण स्वाभाविक रूप से विद्यमान होगा । उन्होंने कहा कि संगीत का ना कोई धर्म होता है ना कोई जाती और ना ही कोई रंग और ना कोई सरहद वो बस संगीत होता है और वो हमेशा दिलों को जोड़ने का काम करता है इसलिए जीवन में संगीत बहुत जरूरी है । उन्होंने पंडित मिथलेश झा को साधना शिविर देहरादून में आयोजित करने के लिए विशेष रूप से साधुवाद दिया और उनको प्रस्ताव दिया कि भविष्य में वो इसे और वृहद स्तर पर आयोजित करें उसमें वे भरपूर सहयोग करेंगे। कार्यक्रम में प्रशिक्षुओंबको आशीर्वचन कहते हुए पंडित मिथलेश झा ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड उनको बहुत आकर्षित करती है और इस शिविर के आयोजन के लिए उन्होंने तमाम मुश्किलें होते हुए भी देहरादून को चुना और शिविर में दिल्ली,हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार प्रांतों से बच्चे पहुंचे जिन्होंने छ दिन प्रातः पांच बजे उठ कर दिन में आठ से दस घंटे रियाज किया व पूरे छ दिन शिविर में मोबाइल से दूर रह कर भी पूरी तरह से सहज रूप से अनुशासित हो कर संगीत साधना करते रहे जो उनके लिए बहुत बड़ी गुरु दक्षिणा है। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन तबला वादक पंडित हिमांशु मिश्रा ने किया।
सादर
सूर्यकांत धस्माना
वरिष्ठ उपाध्यक्ष
प्रदेश कांग्रेस कमेटी
उत्तराखंड